हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , IRGC के प्रवक्ता जनरल अली मोहम्मद नाइनी ने कहा है कि इज़राइल के खिलाफ 12-दिनों के युद्ध में मीडिया ने एक महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका निभाई आज के दौर में मीडिया केवल खबरें देने का जरिया नहीं रहा, बल्कि युद्ध के मैदान में एक प्रभावशाली हथियार बन चुका है।
तेहरान में IRGC के नए वॉर रूम और मीडिया स्टूडियो के उद्घाटन समारोह के मौके पर जनरल नाइनी ने कहा कि मीडिया की भूमिका अब बहुत जटिल और पेशेवर हो गई है। यह न केवल जनमत को प्रभावित करता है, बल्कि युद्ध का नैरेटिव बनाता है और दुश्मन के प्रोपेगेंडा को नाकाम करता है।
उन्होंने बताया कि इज़राइल द्वारा थोपे गए 12-दिन के युद्ध के दौरान मीडिया ने तीन प्रमुख मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन किया:जनता का हौसला बुलंद रखा,सैनिकों के मनोबल को मजबूत किया,दुश्मन के मनोवैज्ञानिक हमलों का प्रभावी जवाब दिया।
जनरल नाइनी ने इस बात की भी ओर इशारा किया कि ईरान के सरकारी प्रसारण संस्थान पर इज़राइली हमला वास्तव में दुश्मन की बेबसी और हताशा का प्रतीक है।
यह याद दिलाया गया कि 13 जून को इज़राइल ने ईरान पर अचानक हमले शुरू किया जिनमें सैन्य, परमाणु और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया। इसके बाद 22 जून को अमेरिका ने भी ईरान के तीन परमाणु केंद्रों - नतंज, फरर्दो और इस्फहान पर हमले किए।
ईरान ने त्वरित और ज़बरदस्त जवाब दिया।IRGC ने ‘ऑपरेशन वादा-ए-सादिक 3’ के तहत 22 मिसाइल हमले किए, जिससे कब्ज़े वाले क्षेत्रों में इस्राइली ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा।
अमेरिकी हमलों के जवाब में ईरानी सेना ने क़तर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर भी मिसाइल दागे, जो पश्चिम एशिया में अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा माना जाता है।
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